अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 67/ मन्त्र 1
ऋषिः - ब्रह्मा
देवता - सूर्यः
छन्दः - प्राजापत्या गायत्री
सूक्तम् - दीर्घायु सूक्त
1
पश्ये॑म श॒रदः॑ श॒तम् ॥
स्वर सहित पद पाठपश्ये॑म। श॒रदः॑। श॒तम् ॥६७.१॥
स्वर रहित मन्त्र
पश्येम शरदः शतम् ॥
स्वर रहित पद पाठपश्येम। शरदः। शतम् ॥६७.१॥
भाष्य भाग
हिन्दी (3)
विषय
जीवन के स्वास्थ्य का उपदेश।
पदार्थ
(शतम्) सौ (शरदः) वर्षों तक (पश्येम) हम देखते रहें ॥१॥
भावार्थ
हम सब लोग प्रयत्न करें कि परमेश्वर की प्रार्थना सदा करते हुए युक्त आहार-विहार से ऐसे स्वस्थ और नीरोग रहें कि सब इन्द्रियाँ नेत्र, मुख, नासिका, मन आदि सौ वर्ष से भी अधिक पूरे दृढ़ और सचेत रहें, जिससे हम अपना कर्तव्य जीवनभर सावधानी के साथ किया करें ॥१-८॥ मन्त्र १ तथा २ ऋग्वेद में हैं-७।६६।१६ और सब सूक्त कुछ भेद से यजुर्वेद में है-३६।२४
टिप्पणी
१−(पश्येम) अवलोकयेम (शरदः) शरद्ऋतून्। संवत्सरान्। कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे। पा० २।३।५। इति सर्वत्र द्वितीया (शतम्) शतसंख्याकान् ॥
भाषार्थ
(शतं शरदः) सौ वर्ष (पश्येम) हम देखते रहें॥१॥
विषय
दीर्घ व प्रशस्त जीवन
पदार्थ
१. शतवर्षपर्यन्त हमारी देखने की शक्ति ठीक बनी रहे। २. शतवर्षपर्यन्त हमारी जीवनशक्ति ठीक बनी रहे। ३. शतवर्षपर्यन्त हमारी बोधशक्ति ठीक [mentally alert] बनी रहे। ४. हम शतवर्षपर्यन्त उत्तरोत्तर प्ररूढ़-प्रबुद्ध होते चलें। ५. हम शतवर्षपर्यन्त उत्तरोत्तर पोषण को प्राप्त करें। ६. हम शतवर्षपर्यन्त बने रहें। हमारी सत्ता विनष्ट न हो जाए। फूलें-फलें [to be prosper ous] ७. हम शतवर्षपर्यन्त शुद्ध जीवनवाले हों [to be purified]| ८. सौ वर्ष से अधिक काल तक भी इसीप्रकार हमारी शक्तियों स्थिर रहें।
भावार्थ
प्रभु-कृपा से हम शतवर्षपर्यन्त व सौ से अधिक वर्षों तक शक्तियों को स्थिर रखते हुए समृद्ध व पवित्र जीवनवाले हों।
इंग्लिश (4)
Subject
Health and Full Age
Meaning
May we see with healthy eyes for a hundred years
Subject
For long life and prosperity -
Translation
Through a hundred autumns may we see.
Translation
May we see a hundred autumns
Translation
May we see for hundred years.
संस्कृत (1)
सूचना
कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।
टिप्पणीः
१−(पश्येम) अवलोकयेम (शरदः) शरद्ऋतून्। संवत्सरान्। कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे। पा० २।३।५। इति सर्वत्र द्वितीया (शतम्) शतसंख्याकान् ॥
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