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ऋग्वेद के मण्डल

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  • इस ऋग्वेद से सब पदार्थों की स्तुति होती है अर्थात् ईश्वर ने जिसमें सब पदार्थों के गुणों का प्रकाश किया है, इसलिये विद्वान् लोगों को चाहिये कि ऋग्वेद को प्रथम पढ़के उन मन्त्रों से ईश्वर से लेके पृथिवी-पर्यन्त सब पदार्थों को यथावत् जानके संसार में उपकार के लिये प्रयत्न करें।

    ऋग्वेद शब्द का अर्थ यह है कि जिससे सब पदार्थों के गुणों और स्वभाव का वर्णन किया जाय वह 'ऋक्' वेद अर्थात् जो यह सत्य सत्य ज्ञान का हेतु है, इन दो शब्दों से 'ऋग्वेद' शब्द बनता है। नीचे मण्डल, सूक्त और मन्त्रों की संख्या का विवरण दिया जा रहा है।

    ऋग्वेद की ऋचाओं का विवरण

    1 - 9 2 - 9 3 - 12 4 - 10 5 - 10 6 - 10 7 - 10 8 - 10 9 - 10 10 - 12 11 - 8 12 - 12 13 - 12 14 - 12 15 - 12 16 - 9 17 - 9 18 - 9 19 - 9 20 - 8 21 - 6 22 - 21 23 - 24 24 - 15 25 - 21 26 - 10 27 - 13 28 - 9 29 - 7 30 - 22 31 - 18 32 - 15 33 - 15 34 - 12 35 - 11 36 - 20 37 - 15 38 - 15 39 - 10 40 - 8 41 - 9 42 - 10 43 - 9 44 - 14 45 - 10 46 - 15 47 - 10 48 - 16 49 - 4 50 - 13 51 - 15 52 - 15 53 - 11 54 - 11 55 - 8 56 - 6 57 - 6 58 - 9 59 - 7 60 - 5 61 - 16 62 - 13 63 - 9 64 - 15 65 - 10 66 - 10 67 - 10 68 - 10 69 - 10 70 - 11 71 - 10 72 - 10 73 - 10 74 - 9 75 - 5 76 - 5 77 - 5 78 - 5 79 - 12 80 - 16 81 - 9 82 - 6 83 - 6 84 - 20 85 - 12 86 - 10 87 - 6 88 - 6 89 - 10 90 - 9 91 - 23 92 - 18 93 - 12 94 - 16 95 - 11 96 - 9 97 - 8 98 - 3 99 - 1 100 - 19 101 - 11 102 - 11 103 - 8 104 - 9 105 - 19 106 - 7 107 - 3 108 - 13 109 - 8 110 - 9 111 - 5 112 - 25 113 - 20 114 - 11 115 - 6 116 - 25 117 - 25 118 - 11 119 - 10 120 - 12 121 - 15 122 - 15 123 - 13 124 - 13 125 - 7 126 - 7 127 - 11 128 - 8 129 - 11 130 - 10 131 - 7 132 - 6 133 - 7 134 - 6 135 - 9 136 - 7 137 - 3 138 - 4 139 - 11 140 - 13 141 - 13 142 - 13 143 - 8 144 - 7 145 - 5 146 - 5 147 - 5 148 - 5 149 - 5 150 - 3 151 - 9 152 - 7 153 - 4 154 - 6 155 - 6 156 - 5 157 - 6 158 - 6 159 - 5 160 - 5 161 - 14 162 - 22 163 - 13 164 - 52 165 - 15 166 - 15 167 - 11 168 - 10 169 - 8 170 - 5 171 - 6 172 - 3 173 - 13 174 - 10 175 - 6 176 - 6 177 - 5 178 - 5 179 - 6 180 - 10 181 - 9 182 - 8 183 - 6 184 - 6 185 - 11 186 - 11 187 - 11 188 - 11 189 - 8 190 - 8 191 - 16

    ऋग्वेद के उपलब्ध भाष्य

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