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ऋग्वेद मण्डल - 4 के सूक्त 36 के मन्त्र
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  • ऋग्वेद - मण्डल 4/ सूक्त 36/ मन्त्र 1
    ऋषिः - वामदेवो गौतमः देवता - ऋभवः छन्दः - स्वराट्त्रिष्टुप् स्वरः - धैवतः

    अ॒न॒श्वो जा॒तो अ॑नभी॒शुरु॒क्थ्यो॒३॒॑ रथ॑स्त्रिच॒क्रः परि॑ वर्तते॒ रजः॑। म॒हत्तद्वो॑ दे॒व्य॑स्य प्र॒वाच॑नं॒ द्यामृ॑भवः पृथि॒वीं यच्च॒ पुष्य॑थ ॥१॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अ॒न॒श्वः । जा॒तः । अ॒न॒भी॒शुः । उ॒क्थ्यः॑ । रथः॑ । त्रि॒ऽच॒क्रः । परि॑ । व॒र्त॒ते॒ । रजः॑ । म॒हत् । तत् । वः॒ । दे॒व्य॑स्य । प्र॒ऽवाच॑नम् । द्याम् । ऋ॒भ॒वः॒ । पृ॒थि॒वीम् । यत् । च॒ । पुष्य॑थ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अनश्वो जातो अनभीशुरुक्थ्यो३ रथस्त्रिचक्रः परि वर्तते रजः। महत्तद्वो देव्यस्य प्रवाचनं द्यामृभवः पृथिवीं यच्च पुष्यथ ॥१॥

    स्वर रहित पद पाठ

    अनश्वः। जातः। अनभीशुः। उक्थ्यः। रथः। त्रिऽचक्रः। परि। वर्तते। रजः। महत्। तत्। वः। देव्यस्य। प्रऽवाचनम्। द्याम्। ऋभवः। पृथिवीम्। यत्। च। पुष्यथ ॥१॥

    ऋग्वेद - मण्डल » 4; सूक्त » 36; मन्त्र » 1
    अष्टक » 3; अध्याय » 7; वर्ग » 7; मन्त्र » 1

    भावार्थ -
    जिस प्रकार (अनश्वः अनभीषुः त्रिचक्रः रथः) विना अश्व, विना लगाम का तीन चक्रों का रथ जो (रजः परि वर्त्तते) सर्वत्र लोकों वा अन्तरिक्ष में घूम सके वह (उक्थ्यः) स्तुति योग्य, उत्तम होता है और उससे शिल्पियों की बड़ी भारी प्रशंसा होती है उसी प्रकार है (ऋभवः) विद्वान् मेधावी पुरुषो ! (रथः) रमण करने वाला आत्मा वा यह रथ रूप देह उसी प्रकार (अनश्वः) अश्व के सदृश बाह्य गति-साधन से रहित वा स्वयं आत्मा, (अनश्वः) भोक्ता न होकर, (अनभीषुः) लगाम आदि बाह्य नियन्त्रण साधनों से रहित, (त्रिचक्रः) मन, ज्ञानेन्द्रिय कर्मेन्द्रिय अथवा मन, प्राण और विज्ञान इन तीन कारकों से युक्त होकर (रजः परिवर्त्तते) लोकान्तरों में वा प्रकृति के रजस्तत्व को प्राप्त होकर देहादि से आवृत होता है । (यत् च) जो आप लोग (द्याम् पृथिवीम् च पुष्यथ) सूर्य-रश्मियों के समान आकाश व पृथिवी, ज्ञानवान् पुरुषों और सामान्य लोकों को भी पुष्ट करते हैं (तत्) वह (वः) आप लोगों के (देव्यस्य) विद्वानों के योग्य ज्ञान की (महत्) बड़ा भारी (प्रवाचनम्) उत्तम ख्याति और उपदेश है ।

    ऋषि | देवता | छन्द | स्वर - वामदेव ऋषिः ॥ ऋभवो देवता ॥ छन्दः- १, ६, ८ स्वराट् त्रिष्टुप् । ९ त्रिष्टुप् । २, ३, ४, ५ विराट् जगती । ७ जगती ॥ नवर्चं सूक्तम् ।

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