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अथर्ववेद > काण्ड 2 > सूक्त 16

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  • अथर्ववेद - काण्ड 2/ सूक्त 16/ मन्त्र 3
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - प्राणः, अपानः, आयुः छन्दः - एदपदासुरीत्रिष्टुप् सूक्तम् - सुरक्षा सूक्त

    सूर्य॒ चक्षु॑षा मा पाहि॒ स्वाहा॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    सूर्य॑ । चक्षु॑षा । मा॒ । पा॒हि॒ । स्वाहा॑ ॥१६.३॥


    स्वर रहित मन्त्र

    सूर्य चक्षुषा मा पाहि स्वाहा ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    सूर्य । चक्षुषा । मा । पाहि । स्वाहा ॥१६.३॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 2; सूक्त » 16; मन्त्र » 3

    भाषार्थ -
    (সূর্য) হে সূর্য ! (চক্ষুষা) চক্ষু দ্বারা (মা পাহি) আমার রক্ষা করো, (স্বাহা) সু আহ।

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