Loading...
अथर्ववेद > काण्ड 10 > सूक्त 7

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 10/ सूक्त 7/ मन्त्र 20
    सूक्त - अथर्वा, क्षुद्रः देवता - स्कन्धः, आत्मा छन्दः - उपरिष्टाज्ज्योतिर्जगती सूक्तम् - सर्वाधारवर्णन सूक्त

    यस्मा॒दृचो॑ अ॒पात॑क्ष॒न्यजु॒र्यस्मा॑द॒पाक॑षन्। सामा॑नि॒ यस्य॒ लोमा॑न्यथर्वाङ्गि॒रसो॒ मुखं॑ स्क॒म्भं तं ब्रू॑हि कत॒मः स्वि॑दे॒व सः ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    यस्मा॑त् । ऋच॑: । अ॒प॒ऽअत॑क्षन् । यजु॑: । यस्मा॑त् । अ॒प॒ऽअक॑षन् । सामा॑नि । यस्य॑ । लोमा॑नि । अ॒थ॒र्व॒ऽअ॒ङ्गि॒रस॑: । मुख॑म् । स्क॒म्भम् । तम् । ब्रू॒हि॒ । क॒त॒म: । स्वि॒त् । ए॒व । स: ॥७.२०॥


    स्वर रहित मन्त्र

    यस्मादृचो अपातक्षन्यजुर्यस्मादपाकषन्। सामानि यस्य लोमान्यथर्वाङ्गिरसो मुखं स्कम्भं तं ब्रूहि कतमः स्विदेव सः ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    यस्मात् । ऋच: । अपऽअतक्षन् । यजु: । यस्मात् । अपऽअकषन् । सामानि । यस्य । लोमानि । अथर्वऽअङ्गिरस: । मुखम् । स्कम्भम् । तम् । ब्रूहि । कतम: । स्वित् । एव । स: ॥७.२०॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 10; सूक्त » 7; मन्त्र » 20

    व्याख्यान -

    ( यस्मादृचो अपा॰ ) जो सर्वशक्तिमान् परमेश्वर है, उसी से ( ऋचः ) ऋग्वेद ( यजुः ) यजुर्वेद ( सामानि ) सामवेद ( आङ्गिरसः ) अथर्ववेद, ये चारों उत्पन्न हुए हैं। इसी प्रकार रूपकालङ्कार से वेदों की उत्पत्ति का प्रकाश ईश्वर करता है कि अथर्ववेद मेरे मुख के समतुल्य, सामवेद लोमों के समान, यजुर्वेद हृदय के समान और ऋग्वेद प्राण की नाईं है। ( ब्रूहि कतमः स्विदेव सः ) कि चारों वेद जिससे उत्पन्न हुए हैं सो कौन-सा देव है, उसको तुम मुझसे कहो? इस प्रश्न का यह उत्तर है कि—( स्कम्भं तं० ) जो सब जगत् का धारणकर्त्ता परमेश्वर है उसका नाम ‘स्कम्भ’ है, उसी को तुम वेदों का कर्त्ता जानो, और यह भी जानो कि उसको छोड़ के मनुष्यों के उपासना करने के योग्य दूसरा कोई इष्टदेव नहीं है। क्योंकि ऐसा अभागी कौन मनुष्य है जो वेदों के कर्त्ता सर्वशक्तिमान् परमेश्वर को छोड़ के दूसरे को परमेश्वर मान के उपासना करे।

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top