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अथर्ववेद > काण्ड 9 > सूक्त 6 > पर्यायः 2

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  • अथर्ववेद - काण्ड 9/ सूक्त 6/ मन्त्र 5
    सूक्त - ब्रह्मा देवता - अतिथिः, विद्या छन्दः - साम्नी बृहती सूक्तम् - अतिथि सत्कार

    स्रु॒चा हस्ते॑न प्रा॒णे यूपे॑ स्रुक्का॒रेण॑ वषट्का॒रेण॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    स्रु॒चा । हस्ते॑न । प्रा॒णे । यूपे॑ । स्रु॒क्ऽका॒रेण॑ । व॒ष॒ट्ऽका॒रेण॑ ॥७.५॥


    स्वर रहित मन्त्र

    स्रुचा हस्तेन प्राणे यूपे स्रुक्कारेण वषट्कारेण ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    स्रुचा । हस्तेन । प्राणे । यूपे । स्रुक्ऽकारेण । वषट्ऽकारेण ॥७.५॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 9; सूक्त » 6; पर्यायः » 2; मन्त्र » 5

    Translation -
    With hand, that is, as if, the sacrificial spoon (sruca), at a breath, as if, at the sacrificial post (yupe), with a sipping sound, as if, with an utterance of vasat. (sruk karena = with a sipping sound; vasatkarena)

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