अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 17/ मन्त्र 4
ऋषिः - ब्रह्मा
देवता - प्राणः, अपानः, आयुः
छन्दः - एदपदासुरीत्रिष्टुप्
सूक्तम् - बल प्राप्ति सूक्त
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आयु॑र॒स्यायु॑र्मे दाः॒ स्वाहा॑ ॥
स्वर सहित पद पाठआयु॑: । अ॒सि॒ । आयु॑: । मे॒ । दा॒: । स्वाहा॑ ॥१७.४॥
स्वर रहित मन्त्र
आयुरस्यायुर्मे दाः स्वाहा ॥
स्वर रहित पद पाठआयु: । असि । आयु: । मे । दा: । स्वाहा ॥१७.४॥
भाष्य भाग
हिन्दी (4)
विषय
आयु बढ़ाने के लिये उपदेश।
पदार्थ
[हे ईश्वर !] तू (आयुः) आयु [जीवनशक्ति] (असि) है, (मे) मुझे (आयुः) आयु (दाः) दे, (स्वाहा) यह सुन्दर आशीर्वाद हो ॥४॥
भावार्थ
ईश्वर ने हमें अन्न, बुद्धि, ज्ञान आदि जीवनसामग्री देकर बड़ा उपकार किया है, ऐसे ही हम भी परस्पर उपकार से अपना जीवन बढ़ावें ॥४॥
टिप्पणी
४–आयुः। अ० १।३०।३। इण् गतौ–उसि, स च णित्। जीवनम्। जीवनकारणम् ॥
विषय
आयुः
पदार्थ
१. हे प्रभो! आप (आयुः असि) = जीवन-ही-जीवन हो। (मे) = मेरे लिए (आयुः दाः) = जीवन दीजिए। २. जब तक 'मानस बल' बना रहता है, तब तक जीवन भी बना रहता है, अत: बल के बाद आयुष्य की प्रार्थना है। इस बल के न रहने पर आयुष्य भी समाप्त हो जाता है, इसलिए हम बल को प्राप्त करके आयुष्य की प्रार्थना करें। (स्वाहा) = हमारी वाणी इस शुभ प्रार्थना को ही करनेवाली हो।
भावार्थ
प्रकृति की ओर झुकाव आयु को क्षीण करता है। मैं प्रभुभक्त बनकर दीर्घजीवन प्राप्त करूँ।
भाषार्थ
(आयुः असि) तू आयुरूप है, (मे) मुझे आयु प्रदान कर, (स्वाहा) सु आह।
टिप्पणी
[परमेश्वर नित्य है, अतः उसकी आयु अपरिमित है, मापी नहीं जा सकती। प्रार्थी दीर्घायु की प्रार्थना करता है।]
विषय
ओज, सहनशीलता, बल, आयु और इन्द्रियों की प्रार्थना।
भावार्थ
हे परमात्मन् ! (आयुः असि) आप सबको जीवन प्राप्त कराने हारे सब के आयुरूप, जीवनाधार हैं। (मे आयुः दाः) मुझे दीर्घ आयु प्रदान करें (स्वाहा) मैं यह उत्तम प्रार्थना करता हूं।
टिप्पणी
‘धाः’ इति पैप्प० सं०।
ऋषि | देवता | छन्द | स्वर
ब्रह्मा ऋषिः । प्राणापानौ वायुश्च देवताः । १-६ एकावसाना आसुर्यस्त्रिष्टुभः । ७ आसुरी उष्णिक् । सप्तर्चं सूक्तम् ॥
इंग्लिश (4)
Subject
Elan Vital at the Full
Meaning
You are the life itself beyond death. Give me full good health and full age. This is the voice of truth in faith.
Translation
You are longevity (àyub). May you bestow longevity on me. Svāhā.
Translation
O God! Thou art life, give me life. What a beautiful utterance.
Translation
O God, Life art Thou, give me life! This is my humble prayer.
संस्कृत (1)
सूचना
कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।
टिप्पणीः
४–आयुः। अ० १।३०।३। इण् गतौ–उसि, स च णित्। जीवनम्। जीवनकारणम् ॥
बंगाली (2)
भाषार्थ
(আয়ুঃ অসি) তুমি আয়ুরূপ, (মে) আমাকে আয়ু প্রদান করো, (স্বাহা) সু আহ।
टिप्पणी
[পরমেশ্বর নিত্য, অতঃ পরমেশ্বরের আয়ু অপরিমিত, পরিমাপ করা যায় না। প্রার্থী দীর্ঘায়ুর প্রার্থনা করে।]
मन्त्र विषय
আয়ুর্বর্ধনায়োপদেশঃ
भाषार्थ
[হে ঈশ্বর !] তুমি (আয়ুঃ) আয়ু [জীবনশক্তি] (অসি) হও, (মে) আমাকে (আয়ুঃ) আয়ু (দাঃ) প্রদান করো, (স্বাহা) এই সুন্দর আশীর্বাদ হোক ॥৪॥
भावार्थ
ঈশ্বর আমাদের অন্ন, বুদ্ধি, জ্ঞান আদি জীবনসামগ্রী প্রদান করে অনেক উপকার করেছেন, এভাবে আমরাও যেন পরস্পর উপকারের মাধ্যমে নিজের জীবন বৃদ্ধি করি ॥৪॥
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