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अथर्ववेद के काण्ड - 20 के सूक्त 38 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 38/ मन्त्र 2
    ऋषिः - इरिम्बिठिः देवता - इन्द्रः छन्दः - गायत्री सूक्तम् - सूक्त-३८
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    आ त्वा॑ ब्रह्म॒युजा॒ हरी॒ वह॑तामिन्द्र के॒शिना॑। उप॒ ब्रह्मा॑णि नः शृणु ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    आ । त्वा॒ । ब्र॒ह्म॒ऽयुजा॑ । हरी॒ इति॑ । वह॑ताम् । इ॒न्द्र॒ । के॒शिना॑ ॥ उप॑ । ब्रह्मा॑णि । न॒: । शृ॒णु॒ ॥३८.२॥


    स्वर रहित मन्त्र

    आ त्वा ब्रह्मयुजा हरी वहतामिन्द्र केशिना। उप ब्रह्माणि नः शृणु ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    आ । त्वा । ब्रह्मऽयुजा । हरी इति । वहताम् । इन्द्र । केशिना ॥ उप । ब्रह्माणि । न: । शृणु ॥३८.२॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 38; मन्त्र » 2
    Acknowledgment

    हिन्दी (3)

    विषय

    राजा और प्रजा के कर्तव्य का उपदेश।

    पदार्थ

    (इन्द्र) हे इन्द्र ! [बड़े ऐश्वर्यवाले राजन्] (ब्रह्मयुजा) धन के लिये जोड़े गये, (केशिना) सुन्दर केशों [कन्धे आदि के बालों] वाले (हरी) रथ ले चलनेवाले दो घोड़ों [के समान बल और पराक्रम] (त्वा) तुझको (आ) सब ओर (वहताम्) ले चलें। (नः) हमारे (ब्रह्माणि) वेदज्ञानों को (उप) आदर से (शृणु) तू सुन ॥२॥

    भावार्थ

    जैसे उत्तम बलवान् घोड़े रथ को ठिकाने पर पहुँचाते हैं, वैसे ही राजा वेदोक्त मार्ग पर चलकर अपने बल और पराक्रम से राज्यभार उठाकर प्रजापालन करें ॥२॥

    टिप्पणी

    २−मन्त्राः १-३ व्याख्याताः-अ०२०।३।१-३॥

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    विषय

    'ब्रह्मयुजा केशिना' हरी

    पदार्थ

    १.है (इन्द्र) = परमैश्वर्यशालिन् प्रभो! (ब्रह्मयुजा) = ज्ञान के साथ मेलवाले (केशिना) = प्रकाश की रशिमयोंवाले (हरी) = इन्द्रियाश्व (त्वा) = आपको (आवहताम्) = हमारे लिए प्राप्त करानेवाले हों। हम इन्द्रियों के द्वारा ज्ञान-प्राप्ति में प्रवृत्त हुए-हुए अपने में ज्ञानरश्मियों को बढ़ानेवाले हों। यही प्रभु प्राप्ति का मार्ग है। २. हे प्रभो!( उप) = हमें हृदयों में समीपता से प्राप्त हुए-हुए आप (नः) = हमसे किये जानेवाले (ब्रह्माणि) = स्तोत्रों को (शृणु) = सुनिए।

    भावार्थ

    इन्द्रियों को ज्ञानप्राप्ति में लगाते हुए हम प्रभु के समीप हों। हृदयस्थ प्रभु के स्तोत्रों का उच्चारण करें।

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    भाषार्थ

    (इन्द्र) हे परमेश्वर! (ब्रह्मयुजा) आप ब्रह्म के साथ मिला देने वाले, (केशिना) और आपके स्वरूप पर प्रकाश डालनेवाले, (हरी) मनोहारी ऋक् की स्तुतियाँ, तथा सामवेद के सामगान, (त्वा) आपको (आ वहताम्) हमें प्राप्त करा दें। हे परमेश्वर! तब आप (नः) हमारी (ब्रह्माणि) ब्राह्मी-स्तुतियों और ब्राह्म-सामगानों को, (उप) हमारे हृदयों में साक्षात् उपस्थित होकर, (शृणु) सुनिए।

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    lndra Devata

    Meaning

    Let the radiant waves of cosmic energy engaged in the service of divinity bring you here. Pray listen to our songs of prayer and adoration.

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    Translation

    O mighty ruler, Hari, the two men (priest and minister) having the knowledge of carrying out government and radiant with glow lead you forward (in your work). You hear of our vedic hymn.

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    Translation

    O mighty ruler, Hari, the two men (priest and minister) having the knowledge of carrying out government and radiant with glow lead you forward (in your work). You hear of our vedic hymn.

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    Translation

    O Mighty Lord, let these brilliant horses in the form of Prana and Apana, yoked in deep Vedic meditation approach Thee. Please listen to our Vedic prayers.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    २−मन्त्राः १-३ व्याख्याताः-अ०२०।३।१-३॥

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    बंगाली (2)

    मन्त्र विषय

    রাজপ্রজাকর্তব্যোপদেশঃ

    भाषार्थ

    (ইন্দ্র) হে ইন্দ্র ! [অত্যন্ত ঐশ্বর্যসম্পন্ন রাজন্] (ব্রহ্ময়ুজা) ধনের জন্য সংযোজিত, (কেশিনা) প্রশস্ত কেশযুক্ত (হরী) রথ বহনকারী দুই ঘোড়া [এর সমান বল এবং পরাক্রম] (ত্বা) তোমাকে (আ) সবদিকে (বহতাম্) নিয়ে চলুক/বহন করুক। (নঃ) আমাদের (ব্রহ্মাণি) বেদজ্ঞান (উপ) আদরপূর্বক (শৃণু) তুমি শ্রবণ করো ॥২॥

    भावार्थ

    শ্রেষ্ঠ শক্তিশালী ঘোড়া যেমন রথকে গন্তব্যে নিয়ে যায়, তেমনই রাজা বেদোক্ত মার্গ অনুসরণ করে নিজের শক্তি এবং সামর্থ্য দ্বারা রাজ্যের ভার নিয়ে প্রজাদের পালন করুক ॥২॥

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    भाषार्थ

    (ইন্দ্র) হে পরমেশ্বর! (ব্রহ্ময়ুজা) [আপনার] ব্রহ্মের সাথে সংযোগকারী, (কেশিনা) এবং আপনার স্বরূপের প্রতি প্রকাশকারী, (হরী) মনোহারী ঋক্-এর স্তুতি-সমূহ, তথা সামবেদের সামগান, (ত্বা) আপনাকে (আ বহতাম্) আমাদের প্রাপ্ত করায়/করাবে। হে পরমেশ্বর! তখন আপনি (নঃ) আমাদের (ব্রহ্মাণি) ব্রাহ্মী-স্তুতি এবং ব্রাহ্ম-সামগান, (উপ) আমাদের হৃদয়ে সাক্ষাৎ উপস্থিত হয়, (শৃণু) শ্রবণ করুন।

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