अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 19/ मन्त्र 6
वाजे॑षु सास॒हिर्भ॑व॒ त्वामी॑महे शतक्रतो। इन्द्र॑ वृ॒त्राय॒ हन्त॑वे ॥
स्वर सहित पद पाठवाजे॑षु । स॒स॒हि: । भ॒व॒ । त्वाम् । ई॒म॒हे॒ । श॒त॒क्र॒तो॒ इति॑ शतक्रतो ॥ इन्द्र॑ । वृ॒त्राय॑ । हन्त॑वे ॥१९.६॥
स्वर रहित मन्त्र
वाजेषु सासहिर्भव त्वामीमहे शतक्रतो। इन्द्र वृत्राय हन्तवे ॥
स्वर रहित पद पाठवाजेषु । ससहि: । भव । त्वाम् । ईमहे । शतक्रतो इति शतक्रतो ॥ इन्द्र । वृत्राय । हन्तवे ॥१९.६॥
भाष्य भाग
हिन्दी (3)
विषय
राजा और प्रजा के गुणों का उपदेश।
पदार्थ
(शतक्रतो) है सैकड़ों कर्मों वा बुद्धियोंवाले (इन्द्र) इन्द्र ! [बड़े ऐश्वर्यवाले राजन्] तू (वाजेषु) सङ्ग्रामों में (सासहिः) विजयी (भव) हो, (त्वा) तुझसे (वृत्राय हन्तवे) शत्रु को मारने के लिये (ईमहे) हम प्रार्थना करते हैं ॥६॥
भावार्थ
सब योधाजन प्रधान सेनापति की आज्ञा से अपने-अपने पद पर स्थिर रहकर शत्रुओं को जीतें ॥६॥
टिप्पणी
६−(वाजेषु) सङ्ग्रामेषु (सासहिः) षह अभिभवे-किप्रत्ययः। अभिभविता। विजयी (भव) (त्वाम्) (ईमहे) प्रार्थयामहे (शतक्रतो) हे बहुकर्मन्, बहुषह (इन्द्र) (वृत्राय) शत्रुम् (हन्तवे) म० । हन्तुम् ॥
विषय
वाजेषु सासहिः
पदार्थ
१. हे (शतक्रतो) = अनन्तशक्ति व प्रज्ञानवाले प्रभो! आप (वाजेषु) = संग्रामों में (सासहिः) = शत्रुओं का मर्षण [अभिभव] करनेवाले (भव) = होइए। (त्वाम ईमहे) = हम आपसे ही याचना करते हैं। आप ही वस्तुत: इन शत्रुओं का पराभव कर सकते हैं। २. हे (इन्द्र) = शत्रुविद्रावक प्रभो! (वृत्राय हन्तवे) = ज्ञान की आवरणभूत वासना के विनाश के लिए हम आपको पुकराते हैं-आप से ही याचना करते हैं।
भावार्थ
संग्रामों में प्रभु ही हमारे शत्रुओं का अभिभव करते हैं।
भाषार्थ
(शतक्रतो) हे सैकड़ों अद्भुत कर्मोंवाले (इन्द्र) परमेश्वर! (वाजेषु) देवासुर-संग्रामों में आसुरभावों और आसुरकर्मों का आप (सासहिः भव) पूर्णतया पराभव कीजिए। (वृत्राय हन्तवे) आसुरी पापों के हनन के लिए (त्वाम्) आपसे (ईमहे) याचना करते हैं।
टिप्पणी
[ईमहे=याच्ञाकर्मा (निघं০ ३.१९)।]
इंग्लिश (4)
Subject
Self-integration
Meaning
Indra, be the challenger, warrior and winner of battles for prosperity and progress. O lord of a hundred creative actions, we invoke, exhort and exalt you for break up of the cloud into rain and elimination of the demon of darkness, ignorance, injustice and poverty.
Translation
O All-power God, we pray you for the attainment of wealth (vritrays hantave) in battles. You be the victorious over calamities.
Translation
O All-power God, we pray you for the attainment of wealth (vritrays hantave) in battles. You be the victorious over calamities.
Translation
O Indra of Diversified Powers, be the queller of foes in the wars, We cherish Thee for crushing the wicked enemy.
संस्कृत (1)
सूचना
कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।
टिप्पणीः
६−(वाजेषु) सङ्ग्रामेषु (सासहिः) षह अभिभवे-किप्रत्ययः। अभिभविता। विजयी (भव) (त्वाम्) (ईमहे) प्रार्थयामहे (शतक्रतो) हे बहुकर्मन्, बहुषह (इन्द्र) (वृत्राय) शत्रुम् (हन्तवे) म० । हन्तुम् ॥
बंगाली (2)
मन्त्र विषय
রাজপ্রজাগুণোপদেশঃ
भाषार्थ
(শতত্রুতো) সে বহু কর্ম বা বুদ্ধিযুক্ত (ইন্দ্র) ইন্দ্র! [ঐশ্বর্যবান রাজন] তুমি (বাজেষু) সংগ্রামে (সাসহিঃ) বিজয়ী (ভব) হও, (ত্বা) তোমার নিকট (বৃত্রায় হন্তবে) শত্রু হননের জন্য (ঈমহে) আমরা প্রার্থনা করি।।৬।।
भावार्थ
সকল যোদ্ধা প্রধান সেনাপতির নির্দেশনায় নিজ-নিজ পদে স্থির হয়ে শত্রুদের জয় করুক।।৬।।
भाषार्थ
(শতক্রতো) হে শত অদ্ভুত কর্মযুক্ত (ইন্দ্র) পরমেশ্বর! (বাজেষু) দেবাসুর-সংগ্রামে আসুরিকভাব এবং আসুরিককর্মের আপনি (সাসহিঃ ভব) পূর্ণরূপে দমন করুন। (বৃত্রায় হন্তবে) আসুরিক পাপের হননের জন্য (ত্বাম্) আপনার প্রতি (ঈমহে) যাচনা করি।
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