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अथर्ववेद के काण्ड - 6 के सूक्त 58 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 58/ मन्त्र 3
    ऋषिः - अथर्वा देवता - अग्निः, इन्द्रः, सोमः छन्दः - अनुष्टुप् सूक्तम् - यशः प्राप्ति सूक्त
    1

    य॒शा इन्द्रो॑ य॒शा अ॒ग्निर्य॒शाः सोमो॑ अजायत। य॒शा विश्व॑स्य भू॒तस्या॒हम॑स्मि य॒शस्त॑मः ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    य॒शा: । इन्द्र॑: । य॒शा: । अ॒ग्नि: । य॒शा: । सोम॑: । अ॒जा॒य॒त॒ । य॒शा: । विश्व॑स्य । भू॒तस्य॑ । अ॒हम् । अ॒स्मि॒ । य॒श:ऽत॑म: ॥५८.३॥


    स्वर रहित मन्त्र

    यशा इन्द्रो यशा अग्निर्यशाः सोमो अजायत। यशा विश्वस्य भूतस्याहमस्मि यशस्तमः ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    यशा: । इन्द्र: । यशा: । अग्नि: । यशा: । सोम: । अजायत । यशा: । विश्वस्य । भूतस्य । अहम् । अस्मि । यश:ऽतम: ॥५८.३॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 6; सूक्त » 58; मन्त्र » 3
    Acknowledgment

    हिन्दी (4)

    विषय

    यश पाने के लिये उपदेश।

    पदार्थ

    यह मन्त्र इसी काण्ड के सूक्त ३९ मन्त्र ३ में आ चुका है, वहाँ देख लेवें ॥३॥

    टिप्पणी

    ३−अयं मन्त्रो व्याख्यातः−अ० ६।३९।३ ॥

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    विषय

    इन्द्रः, अग्रि, सोम

    पदार्थ

    इस मन्त्र की व्याख्या ६.३९.३ पर द्रष्टव्य है।

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    भाषार्थ

    इस मन्त्र की व्याख्या के लिए देखो (अथर्व० ६।३९।३)

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    विषय

    यश की प्रार्थना।

    भावार्थ

    व्याख्या देखो कां० ६। सू० ३९। मं० ३।

    टिप्पणी

    missing

    ऋषि | देवता | छन्द | स्वर

    यशस्कामोऽथर्वा ऋषिः। मन्त्रोक्ता देवता। १ जगती, २ प्रस्तारपंक्तिः। ३ अनुष्टुप्। तृचं सूक्तम्॥

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    Honour of Life

    Meaning

    Indra is glorious. Agni is glorious. Soma is glorious. O lord of glory, bless me that I may be blest with highest honour and glory among all living beings of the world.

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    Translation

    The resplendent Lord is glorious; glorious is the adorable one, the blissful One is glorious. May 1 become the most glorious with the glory of all the beings.

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    Translation

    The lightening is glorious at its birth, all-pervading electricity and heat is glorious by birth, the negative power of the world is gloriont at birth, so I may be glorious, even most illustrious of all that exists.

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    Translation

    Glorious is God, glorious is a fiery soul, glorious is a calm yogi. May I, longing for glory, am the most glorious of all human beings.

    Footnote

    See 6-39-3.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    ३−अयं मन्त्रो व्याख्यातः−अ० ६।३९।३ ॥

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