अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 132/ मन्त्र 10
यदी॒यं ह॑न॒त्कथं॑ हनत् ॥
स्वर सहित पद पाठयदि॑ । इ॒यम् । ह॑न॒त् । कथम् । हनत् ॥१३२.१०॥
स्वर रहित मन्त्र
यदीयं हनत्कथं हनत् ॥
स्वर रहित पद पाठयदि । इयम् । हनत् । कथम् । हनत् ॥१३२.१०॥
भाष्य भाग
हिन्दी (3)
विषय
परमात्मा के गुणों का उपदेश।
पदार्थ
(यदि) जो (इयम्) यह [प्रजा, पुरुष वा स्त्री] (हनत्) बजावे, (कथम्) कैसे (हनत्) बजावे ॥१०॥
भावार्थ
चुने हुए विद्वान् मनुष्य और विदुषी स्त्रियाँ संसार में उत्तम उत्तम बाजों के साथ वेद-विद्या का गान करके आत्मा और शरीर की बल बढ़ानेवाली चमत्कारी क्रियाओं का प्रकाश करें ॥८-१२॥
टिप्पणी
१०−(यदि) सम्भावनायम् (इयम्) दृश्यमाना स्त्रीपुरुषरूपा प्रजा (हनत्) (कथम्) केन प्रकारेण (हनत्) ॥
विषय
कर्करी विलेखन व दुन्दुभि हनन
पदार्थ
१. (एषाम्) = गतमन्त्र के अनुसार इन क्रियाशील प्राणसाधकों व उदारधर्म का पालन करनेवालों की (कर्करी) = क्रियाशीलताओं को (क:) = कौन (लिखत्) = अवदीर्ण-विनष्ट कर देता है? कौन इनकी क्रियाशीलताओं को उखाड़ फेंकता है? "कर्करी' शब्द द्विवचन में है। एक अभ्युदय-साधक क्रियाएँ हैं, दूसरी निःश्रेयस-साधक। कौन-सी शक्ति है जो इसकी इन क्रियाओं को विदीर्ण कर डालती है? २. (क:) = कौन-सी वह प्रबल शक्ति (एषाम्) = इन साधकों की (दुन्दुभिम्) = दुन्दुभि को अन्तर्नाद को-अन्त:स्थित प्रभु से दी जानेवाली प्रेरणा को-(हनत्) = नष्ट कर देती है। किसके वशीभूत होकर यह जीव उस प्रेरणा को नहीं सुनता। ३. (यदि) = यदि (इयम्) = यह देदीप्यमान रूपवाली प्रकृति (इनत्) = इन क्रियाओं व अन्तर्नाद को नष्ट करती है तो (कथं हनत्) = कैसे नष्ट करती है? जीव बड़े उत्तम मार्ग पर चल रहा होता है। न जाने क्या होता है कि उसकी सब क्रियाएँ विनष्ट हो जाती हैं और वह अन्त:स्थित प्रभु-प्रेरणा को सुननेवाला नहीं रहता।
भावार्थ
प्रकृति का चमकीला आवरण हमपर इसप्रकार आक्रामक हो जाता है कि हमारी सब शुभ क्रियाएँ समाप्त हो जाती हैं और हम उस अन्त:स्थित प्रभु की प्रेरणा को नहीं सुन पाते।
भाषार्थ
(यदि) अगर (इयम्) यह कोई दैवीशक्ति है, जो कि (हनत्) कर्त्तव्याकर्त्तव्य कर्मों की डौंडी पीटती है, तो (कथम्) किस प्रकार (हनत्) डौंडी पीटती है?
इंग्लिश (4)
Subject
Prajapati
Meaning
If it is Brahma that blows the last trumpet, how does he blow? If it is Nature, even so, how?
Translation
If he beats it, how will he beat?
Translation
If he beats it, how will he beat?
Translation
The inner voice of the soul strikes it. Where does it do so?
संस्कृत (1)
सूचना
कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।
टिप्पणीः
१०−(यदि) सम्भावनायम् (इयम्) दृश्यमाना स्त्रीपुरुषरूपा प्रजा (हनत्) (कथम्) केन प्रकारेण (हनत्) ॥
बंगाली (2)
मन्त्र विषय
পরমাত্মগুণোপদেশঃ
भाषार्थ
(যদি) যদি (ইয়ম্) তাঁরা [প্রজা, পুরুষ বা স্ত্রী] (হনৎ) বাজায়, (কথম্) কিভাবে (হনৎ) বাজায় ॥১০॥
भावार्थ
মনোনীত বিদ্বান পুরুষ এবং বিদুষী নারী জগতে উত্তম উত্তম বাদ্যের সহিত বেদ-বিদ্যা গান করে আত্মা এবং শরীরের বল বৃদ্ধিকারী বিবিধ ক্রিয়ার প্রকাশ করুক ॥৮-১২॥
भाषार्थ
(যদি) যদি (ইয়ম্) কোনো দৈবীশক্তি, (হনৎ) কর্ত্তব্যাকর্ত্তব্য কর্মের দুন্দুভি বাজায়, তবে (কথম্) কিভাবে (হনৎ) দুন্দুভি বাজায়?
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