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अथर्ववेद के काण्ड - 20 के सूक्त 131 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 131/ मन्त्र 7
    ऋषिः - देवता - प्रजापतिर्वरुणो वा छन्दः - प्राजापत्या गायत्री सूक्तम् - कुन्ताप सूक्त
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    श॒फेन॑ इ॒व ओ॑हते ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    श॒फेन॑ । इ॒व । ओ॑हते ॥१३१.७॥


    स्वर रहित मन्त्र

    शफेन इव ओहते ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    शफेन । इव । ओहते ॥१३१.७॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 131; मन्त्र » 7
    Acknowledgment

    हिन्दी (3)

    विषय

    ऐश्वर्य की प्राप्ति का उपदेश।

    पदार्थ

    (शफेन इव) खुर से जैसे, (ओहते) वह [शत्रु] मारा जाता है ॥७॥

    भावार्थ

    सब मनुष्य और स्त्रियाँ सदा उपकार करके क्लेशों से बचें और परस्पर प्रीति से रहें ॥६-११॥

    टिप्पणी

    ७−(शफेन) खुरेण (इव) यथा (ओहते) उहिर् अर्दने। हन्यते स शत्रुः ॥

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    विषय

    कुश

    पदार्थ

    १. गतमन्त्र में वर्णित वरुण को सम्बोधित करते हुए कहते हैं कि अ-हल-अविलेखनीय वासनाओं से अविदारणीय! (कुश) = [श्यति कु-बुराई] बुराई को विनष्ट करनेवाले! (वर्तक) = सदा धर्म-कार्यों में वर्तनेवाले वरुण! धन के कारण वासनाओं में न फंसनेवाला यह व्यक्ति (आ ऊहति) = सब बुराइयों को [push, remove] दूर करता है। इसप्रकार दूर करता है (इव) = जैसेकि (शफेन) = खुर से एक गौ शत्रु को आहत करती है। खुर के प्रहार से गौ जैसे शत्रुओं को दूर करती है, इसी प्रकार वह वरुण धर्मकायों में वर्तता हुआ सब बुराइयों को दूर रखता है।

    भावार्थ

    हम अपने जीवनों में वासनाओं से विलेखित-अवदीर्ण हों। बुराई का अन्त करनेवाले हों। सदा धर्म-कार्यों में वर्ते और इसप्रकार जीवन से सब बुराइयों को दूर रक्खें।

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    भाषार्थ

    तेरे जैसा व्यक्ति तो ऐसे उखेड़ दिया जाता है (इव) जैसे कि (शफेन) गौ के खुर के स्पर्शमात्र से खुम्ब (ओहते) उखेड़ दी जाती है।

    टिप्पणी

    [शफेन=देखो २०.६३.५; मन्त्रसंख्या ३९४।]

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    Prajapati

    Meaning

    Lives as one with the root of the tree of existence.

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    Translation

    This enemy is killed by hoof-like weapon.

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    Translation

    This enemy is killed by hoof-like weapon.

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    Translation

    Just- as the whole body is borne on the hoof, similarly is borne the whole of the universe on a single part of the Almighty.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    ७−(शफेन) खुरेण (इव) यथा (ओहते) उहिर् अर्दने। हन्यते स शत्रुः ॥

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    बंगाली (2)

    मन्त्र विषय

    ঐশ্বর্যপ্রাপ্ত্যুপদেশঃ

    भाषार्थ

    (শফেন ইব) ক্ষুর দ্বারা যেমন, (ওহতে) তাঁকে [শত্রুকে] বধ করা যায় ॥৭॥

    भावार्थ

    সকল নর-নারী পরস্পর সর্বদা উপকার করে ক্লেশ মুক্ত এবং আনন্দিত থাকুক ॥৬-১১॥

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    भाषार्थ

    তোমার সদৃশ ব্যক্তি তো এমন উৎখাত হয় (ইব) যেমন (শফেন) গাভীর খুরের স্পর্শমাত্র দ্বারা ছোটো চারাগাছ (ওহতে) উৎখাত হয়।

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