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अथर्ववेद के काण्ड - 20 के सूक्त 24 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 24/ मन्त्र 6
    ऋषिः - विश्वामित्रः देवता - इन्द्रः छन्दः - गायत्री सूक्तम् - सूक्त-२४
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    वि॒द्मा हि त्वा॑ धनंज॒यं वाजे॑षु दधृ॒षं क॑वे। अधा॑ ते सु॒म्नमी॑महे ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    वि॒द्म । हि । त्वा॒ । ध॒न॒म्ऽज॒यम् । वाजे॑षु । द॒धृ॒षम् । क॒वे॒ ॥ अध॑ । ते॒ । सु॒म्नम् । ई॒म॒हे॒ ॥२४.६॥


    स्वर रहित मन्त्र

    विद्मा हि त्वा धनंजयं वाजेषु दधृषं कवे। अधा ते सुम्नमीमहे ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    विद्म । हि । त्वा । धनम्ऽजयम् । वाजेषु । दधृषम् । कवे ॥ अध । ते । सुम्नम् । ईमहे ॥२४.६॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 24; मन्त्र » 6
    Acknowledgment

    हिन्दी (3)

    विषय

    विद्वानों के गुणों का उपदेश।

    पदार्थ

    (कवे) हे विद्वान् ! (त्वा) तुझको (हि) ही (धनंजयम्) धन जीतनेवाला और (वाजेषु) सङ्ग्रामों में (दधृषम्) अत्यन्त निर्भय (विद्म) हम जानते हैं। (अध) इसलिये (ते) तेरे लिये (सुम्नम्) सुख की (ईमहे) हम प्रार्थना करते हैं ॥६॥

    भावार्थ

    जो मनुष्य धनी, शूर और परोपकारी होवे, उसके लिये सुख पहुँचाने को सब प्रयत्न करें ॥६॥

    टिप्पणी

    ६−(विद्म) वयं जानीमः (हि) एव (त्वा) त्वाम् (धनञ्जयम्) अ० ३।१४।२। धनस्य जेतारम् (वाजेषु) सङ्ग्रामेषु (दधृषम्) ञिधृषा प्रागल्भ्ये यङ्लुकि पचाद्यच्। अतिप्रगल्भम् (कवे) हे मेधाविन्-निघ० ३।१। (अध) अथ। अतः (ते) तुभ्यम् (सुम्नम्) सुखम् (ईमहे) याचामहे ॥

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    विषय

    धनञ्जय, वाजेषु दधृषम्

    पदार्थ

    १. हे (कवे) = क्रान्तप्रज्ञ प्रभो! हम (त्वा) = आपको (हि) = निश्चय से (धनञ्जयम्) = सब धनों का विजेता (विद्य) = जानते हैं। आपको ही (वाजेषु) = संग्रामों में (दधषम) = शत्रुओं का धर्षण करनेवाला जानते हैं। २. (अधा) = इसीलिए अब (ते) = आपके (सम्नम) = स्तोत्र को (ईमहे) = चाहते हैं। आपका स्तवन करते हुए हम धनों को भी प्राप्त करेंगे और संग्रामों में विजयी होंगे।

    भावार्थ

    प्रभु-स्तवन करते हुए हम संग्रामों में विजयी बनें और धनों को प्राप्त करें।

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    भाषार्थ

    (कवे) हे वेदकाव्यों के कवि! (हि विद्मा त्वा) हम आपको निश्चयपूर्वक जानते हैं कि आपने (धनंजयम्) सांसारिक और आध्यात्मिक धनों पर विजय पाई हुई है, और (वाजेषु) देवासुर-संग्रामों में (दधृषम्) आप आसुरी भावनाओं का धर्षण करनेवाले हैं (अधा) इसलिए (सुम्नम्) आपसे सुख की, तथा आपकी प्रसन्नता की (ईमहे) हम प्रार्थनाएँ करते हैं।

    टिप्पणी

    [वाजे=संग्राम (निघं০ २.१७)।]

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    Self-integration

    Meaning

    We know you for sure, O lord of knowledge and vision, winner of wealth and bold fighter of battles for health and energy. And now we pray to you for the gift of peace and comfort of well-being.

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    Translation

    O learned one, we know you as the victor of wealth physical and spiritual and insuppressible one in the intellectual debates and we desire your happy brilliance.

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    Translation

    O learned one, we know you as the victor of wealth physical and spiritual and insuppressible one in the intellectual debates and we desire your happy brilliance.

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    Translation

    O wise king, truly we know thee to be the conqueror of the wealth of thy enemies and subduer of thy foes. We wish thee all peace and plenty.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    ६−(विद्म) वयं जानीमः (हि) एव (त्वा) त्वाम् (धनञ्जयम्) अ० ३।१४।२। धनस्य जेतारम् (वाजेषु) सङ्ग्रामेषु (दधृषम्) ञिधृषा प्रागल्भ्ये यङ्लुकि पचाद्यच्। अतिप्रगल्भम् (कवे) हे मेधाविन्-निघ० ३।१। (अध) अथ। अतः (ते) तुभ्यम् (सुम्नम्) सुखम् (ईमहे) याचामहे ॥

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    बंगाली (2)

    मन्त्र विषय

    বিদ্বদ্গুণোপদেশঃ

    भाषार्थ

    (কবে) হে বিদ্বান্ ! (ত্বা) তোমাকে (হি)(ধনঞ্জয়ম্) ধন জয়কারী এবং (বাজেষু) সংগ্রামসমূহে (দধৃষম্) অত্যন্ত নির্ভয় (বিদ্ম) আমরা জানি। (অধ) এজন্য (তে) তোমার জন্য (সুম্নম্) সুখের (ঈমহে) প্রার্থনা আমরা করি ॥৬॥

    भावार्थ

    যে মনুষ্য ধনী, শূর ও পরোপকারী হয়, তাঁকে সুখ প্রদানের জন্য সবাই প্রচেষ্টা করে ॥৬॥

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    भाषार्थ

    (কবে) হে বেদকাব্যের কবি! (হি বিদ্মা ত্বা) আমরা আপনাকে নিশ্চয়পূর্বক জানি যে, আপনি (ধনঞ্জয়ম্) সাংসারিক এবং আধ্যাত্মিক ধনের ওপর বিজয়প্রাপ্ত, এবং (বাজেষু) দেবাসুর-সংগ্রামে (দধৃষম্) আপনি আসুরিক ভাবনা-সমূহের ধর্ষণ/বিনাশকারী (অধা) এইজন্য (সুম্নম্) আপনার প্রতি সুখ, তথা আপনার প্রসন্নতার (ঈমহে) আমরা প্রার্থনা করি।

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