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अथर्ववेद के काण्ड - 19 के सूक्त 29 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 29/ मन्त्र 5
    ऋषिः - ब्रह्मा देवता - दर्भमणिः छन्दः - अनुष्टुप् सूक्तम् - दर्भमणि सूक्त
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    मन्थ॑ दर्भ स॒पत्ना॑न्मे॒ मन्थ॑ मे पृतनाय॒तः। मन्थ॑ मे॒ सर्वा॑न्दु॒र्हार्दो॒ मन्थ॑ मे द्विष॒तो म॑णे ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    मन्‍थ॑। द॒र्भ॒। स॒ऽपत्ना॑न्। मे॒। मन्थ॑। मे॒। पृ॒त॒ना॒ऽय॒तः। मन्थ॑। मे॒। सर्वा॑न्। दुः॒ऽहार्दः॑। मन्थ॑। मे॒। द्वि॒ष॒तः॒। म॒णे॒ ॥२९.५॥


    स्वर रहित मन्त्र

    मन्थ दर्भ सपत्नान्मे मन्थ मे पृतनायतः। मन्थ मे सर्वान्दुर्हार्दो मन्थ मे द्विषतो मणे ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    मन्‍थ। दर्भ। सऽपत्नान्। मे। मन्थ। मे। पृतनाऽयतः। मन्थ। मे। सर्वान्। दुःऽहार्दः। मन्थ। मे। द्विषतः। मणे ॥२९.५॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 29; मन्त्र » 5
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    हिन्दी (3)

    विषय

    सेनापति के लक्षण का उपदेश –॥

    पदार्थ

    (दर्भ) हे दर्भ ! [शत्रुविदारक सेनापति] (मे) मेरे (सपत्नान्) वैरियों को (मन्थ) मथ डाल, (मे) मेरे लिये (पृतनायतः) सेना चढ़ा लानेवालों को (मन्थ) मथ डाल। (मे) मेरे (सर्वान्) सब (दुर्हार्दः) दुष्ट हृदयवालों को (मन्थ) मथ डाल, (मणे) हे प्रशंसनीय ! (मे) मेरे (द्विषतः) वैरियों को (मन्थ) मथ डाल ॥१॥

    भावार्थ

    स्पष्ट है ॥५॥

    टिप्पणी

    ५−(मन्थ) मन्थ विलोडने। विलोडय ॥

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    विषय

    रोग मन्थन [Humiliate, crush down]

    भावार्थ

    शरीर में सुरक्षित वीर्य रोगों का सर्वथा विनाश कर डालता है।

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    भाषार्थ

    (दर्भ) हे शत्रुविदारक, (मणे) शिरोमणि सेनापति! तू (मे) मेरे (सपत्नान्) आन्तरिक-विद्रोहियों को (मन्थ) मथ डाल। (मे) मेरे राष्ट्र पर (पृतनायतः) सेना द्वारा आक्रमण चाहनेवालों को (मन्थ) मथ डाल। (मे) मेरे (सर्वान्) सब (दुर्हार्दः) दुष्ट-हार्दिक भावनाओंवालों को (मन्थ) मथ डाल। (मे) मेरे (द्विषतः) द्वेषी=अमित्रों को (मन्थ) मथ डाल।

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    Darbha Mani

    Meaning

    O Darbha, destroyer of negativities, shake up and churn my rivals, shake up and churn my adversaries, shake up and churn all the evil hearted opponents, shake up and churn all the jealous forces, O Mani.

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    Translation

    Churn, O darbha, my rivals; churn them who invade me; churn ail my enemies; O blessing, churn them who hate me.

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    Translation

    Let this nice Darbha shake my foe-men, let it shake them who bear malignancy for me, let it shake all those who bear evils for me in their hearts and let it shake those men who bear malice for me.

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    Translation

    O darbha-mani, churn (i.e., give a good shaking to) my enemies and those who with forces to fight against me. Churn those who have wickeddesigns against me and those who hate me.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    ५−(मन्थ) मन्थ विलोडने। विलोडय ॥

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