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अथर्ववेद के काण्ड - 19 के सूक्त 29 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 29/ मन्त्र 7
    ऋषिः - ब्रह्मा देवता - दर्भमणिः छन्दः - अनुष्टुप् सूक्तम् - दर्भमणि सूक्त
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    ओष॑ दर्भ स॒पत्ना॑न्मे॒ ओष॑ मे पृतनाय॒तः। ओष॑ मे॒ सर्वा॑न्दु॒र्हार्दो॒ ओष॑ मे द्विष॒तो म॑णे ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    ओष॑। द॒र्भ॒। स॒ऽपत्ना॑न्। मे॒। ओष॑। मे॒। पृ॒त॒ना॒ऽय॒तः। ओष॑। मे॒। सर्वा॑न्। दुः॒ऽहार्दः॑। ओष॑। मे॒। द्वि॒ष॒तः। म॒णे॒ ॥२९.७॥


    स्वर रहित मन्त्र

    ओष दर्भ सपत्नान्मे ओष मे पृतनायतः। ओष मे सर्वान्दुर्हार्दो ओष मे द्विषतो मणे ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    ओष। दर्भ। सऽपत्नान्। मे। ओष। मे। पृतनाऽयतः। ओष। मे। सर्वान्। दुःऽहार्दः। ओष। मे। द्विषतः। मणे ॥२९.७॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 29; मन्त्र » 7
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    हिन्दी (3)

    विषय

    सेनापति के लक्षण का उपदेश –॥

    पदार्थ

    (दर्भ) हे दर्भ ! [शत्रुविदारक सेनापति] (मे) मेरे (सपत्नान्) वैरियों को (ओष) जला दे, (मे) मेरे लिये (पृतनायतः) सेना चढ़ा लानेवालों को (ओष) जला दे। (मे) मेरे (सर्वान्) सब (दुर्हार्दः) दुष्ट हृदयवालों को (ओष) जला दे, (मणे) हे प्रशंसनीय ! (मे) मेरे (द्विषतः) वैरियों को (ओष) जला दे ॥१॥

    भावार्थ

    स्पष्ट है ॥७॥

    टिप्पणी

    ७−(ओष) उष दाहे। भस्मीकुरु ॥

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    विषय

    रोग-दहन

    भावार्थ

    शरीर में सुरक्षित वीर्य रोगों को संदग्ध कर देता है।

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    भाषार्थ

    (दर्भ) हे शत्रुविदारक, (मणे) शिरोमणि सेनापति! तू (मे) मेरे (सपत्नान्) आन्तरिक-विद्रोहियों को (ओष) झुलसा दे। (मे) मेरे राष्ट्र पर (पृतनायतः) सेना द्वारा आक्रमण चाहनेवालों को (ओष) झुलसा दे। (मे) मेरे (सर्वान्) सब (दुर्हार्दः) दुष्ट-हार्दिक भावनाओं वालों को (ओष) झुलसा दे। (मे) मेरे (द्विषतः) द्वेषी=अमित्रों को (ओष) झुलसा दे।

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    Darbha Mani

    Meaning

    O Darbha, destroyer of negative forces, heat and eliminate all my rivals, heat and destroy all my adversaries. O Mani, heat and eliminate all evil at heart against me, heat and destroy all jealous forces active against me.

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    Translation

    Scorch, O darbha, my rivals; scorch them who invade me; scorch all my enemies; O blessing, scorch them who hate me.

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    Translation

    Let this nice Darbha burn my foe-men, let it burn them who bear malignancy for me. Let it burn all those who bear evils for me in their hearts and let it burn those men who bear malice for me.

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    Translation

    O darbha-mani, boil up my foes and those who lead their armies against me to fight. Boil up those who have evil designs against me as well those who are full of hatred towards me.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    ७−(ओष) उष दाहे। भस्मीकुरु ॥

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