अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 1/ मन्त्र 9
ऋषिः - प्रत्यङ्गिरसः
देवता - कृत्यादूषणम्
छन्दः - पथ्यापङ्क्तिः
सूक्तम् - कृत्यादूषण सूक्त
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ये त्वा॑ कृ॒त्वाले॑भि॒रे वि॑द्व॒ला अ॑भिचा॒रिणः॑। शं॒भ्वी॒दं कृ॑त्या॒दूष॑णं प्रतिव॒र्त्म पु॑नःस॒रं तेन॑ त्वा स्नपयामसि ॥
स्वर सहित पद पाठये । त्वा॒ । कृ॒त्वा । आ॒ऽले॒भि॒रे । वि॒द्व॒ला: । अ॒भि॒ऽचा॒रिण॑: । श॒म्ऽभु । इ॒दम् । कृ॒त्या॒ऽदूष॑णम् । प्र॒ति॒ऽव॒र्त्म । पु॒न॒:ऽस॒रम् । तेन॑ । त्वा॒ । स्न॒प॒या॒म॒सि॒ ॥१.९॥
स्वर रहित मन्त्र
ये त्वा कृत्वालेभिरे विद्वला अभिचारिणः। शंभ्वीदं कृत्यादूषणं प्रतिवर्त्म पुनःसरं तेन त्वा स्नपयामसि ॥
स्वर रहित पद पाठये । त्वा । कृत्वा । आऽलेभिरे । विद्वला: । अभिऽचारिण: । शम्ऽभु । इदम् । कृत्याऽदूषणम् । प्रतिऽवर्त्म । पुन:ऽसरम् । तेन । त्वा । स्नपयामसि ॥१.९॥
भाष्य भाग
हिन्दी (3)
विषय
राजा के कर्तव्य दण्ड का उपदेश।
पदार्थ
[हे हिंसा !] (ये) जिन (विद्वलाः) दुःखदायी, (अभिचारिणः) विरुद्ध आचरणवाले ने (त्वा) तुझे (कृत्वा) बनाकर (आलेभिरे) ग्रहण किया था, (इदम्) यह (शंभु) सुखदायी (कृत्यादूषणम्) हिंसा का खण्डन [उनके लिये] (पुनःसरम्) अवश्य ज्ञान करानेवाला (प्रतिवर्त्म) प्रत्यक्ष मार्ग है। (तेन) उसी [कारण] से (त्वा) तुझे (स्नपयामसि) हम शुद्ध करते हैं ॥९॥
भावार्थ
राजा दुराचारियों को ऐसी उत्तम नीति से सुधारे कि उन के आचार-विचार फिर धार्मिक हो जावें ॥९॥
टिप्पणी
९−(ये) (त्वा) त्वां कृत्याम् (आलेभिरे) गृहीतवन्तः (विद्वलाः) सानसिवर्णसि०। उ० ४।१०७। विद ज्ञाने वेदनायां च-वलच्, गुणाभावः। वेदनाशीलाः। दुःखदायिनः (अभिचारिणः) विरुद्धाचाराः (शम्भु) शन्तिकरम् (इदम्) (कृत्यादूषणम्) हिंसाखण्डनम् (प्रतिवर्त्म) प्रत्यक्षमार्गः (पुनःसरम्) पुनः अवधारणे+सृ गतौ-अच्। निश्चयेन सरो ज्ञाने यस्मात् तत् (तेन) कारणेन (त्वा) त्वां कृत्याम् (स्नपयामसि) स्नपयामः। शोधयामः ॥
विषय
प्रतिवम पुन:सरम्
पदार्थ
१. हे कृत्ये! (ये) = जो (विद्वला) = [विद् वेदनायाम्] वेदना प्राप्त करानेवाले (अभिचारिणः) = हिंसा प्रयोगों को करनेवाले लोग (त्वा) = तुझे कृत्वा करके (अलेभिरे) = प्राप्त करते हैं, (इदम्) = यह (प्रतिवर्म) = उलटे रास्ते [वापस] उसे (पुनःसरम्) = फिर लौटा देना (कृत्यादूषणम्) = हिंसक प्रयोग को दूषित करना है। (इदम्) = यह (शम्भु) = शान्ति उत्पन्न करनेवाला है, (तेन) = उस उलटे रास्ते [वापस] लौटा देने के द्वारा (त्वा) = तुझे हे कृत्ये! (स्त्रपयामसि) = शुद्ध कर डालते हैं-तेरा सफाया कर देते हैं।
भावार्थ
हिंसक प्रयोग को दूर करने का सर्वोत्तम उपाय यही है कि उसे उलटे रास्ते [वापस] लौटा दिया जाए, अर्थात् गाली का उत्तर गाली में न दिया जाए। ('आकृष्ट: कुशल वदेत्') ।
भाषार्थ
हे [कृत्ये !] (ये) जो (विद्वलाः) सत्ताधारी (त्वा कृत्वा) तेरी रचना करके (आलेमिरे) स्वार्थलाभ वाले हुए हैं, वे (अभिचारिणः) अभिचारकर्म करने वाले हैं, अत्याचारी हैं। (शम्भु इदम्) यह शान्ति पैदा करने वाला [वारुणास्त्र] है, (कृत्यादूषणम्) हिंस्रसेना को दूषित कर देता है, और उसे (प्रतिवर्त्म) वापिसी के मार्ग पर (पुनः सरम्) फिर चला देता है, (तेन) उस द्वारा हे हिंस्रसेना ! (त्वा) तुझे (स्नपयामसि) हम जलस्नान कराते हैं।
टिप्पणी
[विद्वलाः = विद् (सत्तायाम्) + वलच्। मन्त्र में वारुणास्त्र का वर्णन हैं, जो कि युद्ध सम्बन्धी शान्ति पैदा कर देता है। सेना को मारुशस्त्रास्त्रों द्वारा न मार कर, उन पर वारणास्त्र द्वारा जल वर्षा करने का निर्देश हुआ है, जिस के प्रभाव से सेना वापिस चली जाती है]।
इंग्लिश (4)
Subject
Countering Evil Designs
Meaning
O violent force, those artful people who created, hold and command you are evil doers, violators of the rule and law of peace. This culture of peace is our force, it turns back the force of violence the way it came. With that we lead you to cleanse yourself of artfulness, evil and violence. (This mantra suggests the resurgence of peace upon the forces of violence and tactical bullying. Secondly, it suggests that if peace fails initially, a peaceful nation should develop weapons like the Varunastra, Sammohanastra and Vayavyastra, as mentioned in ancient literature, which kill not and still turn back the enemy.)
Translation
They, the expert ones, who having fashioned you, have held you: firmly; this is an auspicious destroyer of harmful designs; it sends the harmful design back the way it came. With this we battle you.
Translation
For the cunning and device-applying men who preparing this device hold it fast to use, this repellent way of returning it to them and destroy it is good. It is why I cleanse it.
Translation
O violent deed, the cunning persons of violent nature, fashioned thee and held thee fast! The best way to cure and mar the effect of their evil is to drive it back the way it came. With this device we ward off violence.
संस्कृत (1)
सूचना
कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।
टिप्पणीः
९−(ये) (त्वा) त्वां कृत्याम् (आलेभिरे) गृहीतवन्तः (विद्वलाः) सानसिवर्णसि०। उ० ४।१०७। विद ज्ञाने वेदनायां च-वलच्, गुणाभावः। वेदनाशीलाः। दुःखदायिनः (अभिचारिणः) विरुद्धाचाराः (शम्भु) शन्तिकरम् (इदम्) (कृत्यादूषणम्) हिंसाखण्डनम् (प्रतिवर्त्म) प्रत्यक्षमार्गः (पुनःसरम्) पुनः अवधारणे+सृ गतौ-अच्। निश्चयेन सरो ज्ञाने यस्मात् तत् (तेन) कारणेन (त्वा) त्वां कृत्याम् (स्नपयामसि) स्नपयामः। शोधयामः ॥
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