Loading...
अथर्ववेद > काण्ड 20 > सूक्त 131

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 131/ मन्त्र 12
    सूक्त - देवता - प्रजापतिर्वरुणो वा छन्दः - दैवी बृहती सूक्तम् - कुन्ताप सूक्त

    पाक॑ ब॒लिः ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    पाक॑ । ब॒लि: ॥१३१.१२॥


    स्वर रहित मन्त्र

    पाक बलिः ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    पाक । बलि: ॥१३१.१२॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 131; मन्त्र » 12

    भाषार्थ -
    এবং সে সদ্গুরু পরমেশ্বরের প্রতি বলে, (পাক) হে পরিপাকরূপে মোক্ষ-ফল প্রদানকারী! (বলিঃ) আমি নিজেকে আপনার প্রতি বলিরূপে/উপহাররূপে সমর্পিত করে দিয়েছি।

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top