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अथर्ववेद के काण्ड - 19 के सूक्त 23 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 23/ मन्त्र 24
    ऋषिः - अथर्वा देवता - मन्त्रोक्ताः छन्दः - दैवी पङ्क्तिः सूक्तम् - अथर्वाण सूक्त
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    सू॒र्याभ्यां॒ स्वाहा॑ ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    सू॒र्याभ्या॑म्। स्वाहा॑ ॥२३.२४॥


    स्वर रहित मन्त्र

    सूर्याभ्यां स्वाहा ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    सूर्याभ्याम्। स्वाहा ॥२३.२४॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 19; सूक्त » 23; मन्त्र » 24
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    हिन्दी (3)

    विषय

    ब्रह्मविद्या का उपदेश।

    पदार्थ

    (सूर्याभ्याम्) दो प्रेरकों [परमात्मा और जीवात्मा] के लिये (स्वाहा) स्वाहा [सुन्दर वाणी] हो ॥२४॥

    भावार्थ

    मनुष्यों को परमेश्वरोक्त ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद द्वारा श्रेष्ठ विद्याएँ प्राप्त करके इस जन्म और पर जन्म का सुख भोगना चाहिये ॥२४॥

    टिप्पणी

    २४−(सूर्याभ्याम्) प्रेरकाभ्यां परमात्मजीवात्मभ्याम् ॥

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    विषय

    सूर्य-वात्य-प्राजापत्य

    पदार्थ

    १. [रोहयति इति] (रोहितेभ्य:) = हमारा उत्थान करनेवाले इन वेदमन्त्रों के लिए (स्वाहा) = मैं अपना अर्पण करता हूँ। २. (सूर्याभ्यां स्वाहा) = वेद से प्रेरणा प्राप्त करके सूर्य की भाँति निरन्तर गतिशील [सरति] पति-पत्नी के लिए हम शुभ शब्द कहते हैं। उनका प्रशंसन करते हैं। हम भी उनसे अपना जीवन उन-जैसा बनाने की प्रेरणा लेते हैं। ३. (वात्याभ्याम्) = व्रतमय जीवनवाले पति-पत्नी के लिए हम (स्वाहा) = प्रशंसात्मक शब्द कहते हैं। हम भी उनकी भौति व्रती जीवनवाले होते हैं। ४. (प्राजापत्याभ्याम्) = सन्तानों का उत्तम रक्षण करनेवाले इन पति-पत्नी के लिए (स्वाहा) = हम प्रशंसात्मक शब्द कहते हैं और उनसे स्वयं भी सन्तानों के सम्यक् रक्षण की प्रेरणा लेते हैं।

    भावार्थ

    उन्नति के साधनभूत वेद-मन्त्रों का अध्ययन करते हुए हम निरन्तर गतिशील [सूर्य] व्रतमय जीवनवाले [ब्रात्य] व सन्तानों का सम्यक् रक्षण करनेवाले [प्राजापत्य] बनते हैं।

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    भाषार्थ

    सूर्या के दो सूक्तों के लिये प्रशंसायुक्त वाणी हो।

    टिप्पणी

    [“सूर्याभ्याम्” द्वारा काण्ड १४ के दो सूर्या-सूक्तों का निर्देश किया है। सूर्यासूक्त सूर्या अर्थात् आदित्य ब्रह्मचारिणी के विवाहपरक सूक्त हैं। विवाह-पद्धतियों में इन्हीं दो सूक्तों से कई मन्त्र लिए गये हैं।]

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    x

    Meaning

    For two Surya hymns, Svaha For two Surya hymns, Svaha. stmmw Wl^l' II ^ II

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    Translation

    Svàhá to the two about Sürya (maiden to be married).

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    Translation

    Let us gain knowledge of two Suryas, the two down and appreciate them.

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    Translation

    Have a thorough knowledge of two anuvakas of Surya i.e., 14 Kanda.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    २४−(सूर्याभ्याम्) प्रेरकाभ्यां परमात्मजीवात्मभ्याम् ॥

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