अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 7/ मन्त्र 14
न॒दी सू॒त्री व॒र्षस्य॒ पत॑य॒ स्तना॑ स्तनयि॒त्नुरूधः॑ ॥
स्वर सहित पद पाठन॒दी । सू॒त्री । व॒र्षस्य॑ । पत॑य: । स्तना॑: । स्त॒न॒यि॒त्नु: । ऊध॑: ॥१२.१४॥
स्वर रहित मन्त्र
नदी सूत्री वर्षस्य पतय स्तना स्तनयित्नुरूधः ॥
स्वर रहित पद पाठनदी । सूत्री । वर्षस्य । पतय: । स्तना: । स्तनयित्नु: । ऊध: ॥१२.१४॥
भाष्य भाग
हिन्दी (3)
विषय
सृष्टि की धारणविद्या का उपदेश।
पदार्थ
[सृष्टि में] (नदी) नदी (सूत्री) जन्मदात्री [नाड़ी], (वर्षस्य पतयः) वर्षा के रक्षक [मेघ] (स्तनः) स्तन [दूध के आधार], (स्तनयित्नुः) गर्जन (ऊधः) भेड़ [दूध के छिद्र स्थान के समान है] ॥१४॥
भावार्थ
सृष्टि और शरीर के अवयवों का परस्पर सम्बन्ध स्पष्ट है ॥१४॥
टिप्पणी
१४−(नदी) सरित् (सूत्री) अमिचिमिशसिभ्यः क्त्रः। उ० ४।१६४। षूङ् प्राणिगर्भविमोचने−क्त्र, ङीप्। उत्पादयित्री नाडी (वर्षस्य पतयः) वृष्टिरक्षका मेघाः (स्तनाः) दुग्धाधाराः (स्तनयित्नुः) अ० ४।१५।११। गर्जनम् (ऊधः) अ० ४।११।४। आपीनम् ॥
विषय
नदी से निधन तक
पदार्थ
१. (नदी सूत्री) = नदी इस वेदधेनु की सूत्री [जन्म देनेवाली नाड़ी], (वर्षस्य पतय:) = वृष्टि के पालक मेघ (स्तना:) = स्तन हैं, (स्तनयित्नुः ऊधः) = गर्जनशील मेघ ऊधस् [औड़ी] है। (विश्वव्यचा:) = सर्वव्यापक आकाश (चर्म) = चमड़ा है, (ओषधयः लोमानि) = ओषधियाँ लोम हैं, (नक्षत्राणि रूपम्) = नक्षत्र उसके रूप, अर्थात् देह पर चितकबरे चिह्न हैं। २. (देवजना:) = देवजन [ज्ञानी लोग] (गुदा:) = गुदा हैं, (मनुष्याः आन्द्राणि) = मननशील मनुष्य उसकी आते हैं, (अत्ताः उदरम्) = अन्य खाने-पीनेवाले प्राणी उसके उदर हैं, (रक्षांसि लोहितम्) = राक्षस लोग रुधिर हैं, (इतरजना: ऊबध्यम्) = इतर जन अनपचे अन्न के समान हैं, (अभ्रम्) = मेघ (पीव:) = मेदस् [चर्बी] हैं, (निधनम्) = निधन (मज्जा) = मज्जा है [निधन-यज्ञ का अन्तिम प्रसाद]।
भावार्थ
वह वेदवाणी 'नदियों व निधन' सबका प्रतिपादन कर रही है।
भाषार्थ
(नदी) नदी है (सूत्री) नाभिनाल, (वर्षस्य पतयः) वर्षा के पति हैं (स्तनाः) स्तनः, (स्तनयित्नु:) गर्जता मेघ है (ऊधः) दुग्धाशय।
टिप्पणी
[नदी, वर्षस्य पतयः और स्तनयित्नु हैं विश्व के अङ्ग। और सूत्री, स्तनाः और ऊधः हैं गौ के अङ्ग। इनमें परस्पर तादात्म्य दर्शाया है]।
इंग्लिश (4)
Subject
Cow: the Cosmic Metaphor
Meaning
Streams are the umbilical cord, clouds of rain are breasts, thunder is the udders.
Translation
River is the spermatic cord (sütri), the lords of rain the teats, and thunder-cloud (stanayitru) the udder (udhah).
Translation
The river is like the womb, clouds are like its breasts and the thunder is like udder.
Translation
The river is the womb, the clouds, the lords of rain are the breasts, the thunder is the udder.
संस्कृत (1)
सूचना
कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।
टिप्पणीः
१४−(नदी) सरित् (सूत्री) अमिचिमिशसिभ्यः क्त्रः। उ० ४।१६४। षूङ् प्राणिगर्भविमोचने−क्त्र, ङीप्। उत्पादयित्री नाडी (वर्षस्य पतयः) वृष्टिरक्षका मेघाः (स्तनाः) दुग्धाधाराः (स्तनयित्नुः) अ० ४।१५।११। गर्जनम् (ऊधः) अ० ४।११।४। आपीनम् ॥
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