अथर्ववेद - काण्ड 20/ सूक्त 129/ मन्त्र 8
परि॑ त्रयः ॥
स्वर सहित पद पाठपरि॑ । त्रय: ॥१२९.८।
स्वर रहित मन्त्र
परि त्रयः ॥
स्वर रहित पद पाठपरि । त्रय: ॥१२९.८।
अथर्ववेद - काण्ड » 20; सूक्त » 129; मन्त्र » 8
भाषार्थ -
যা (পরি) জীবাত্মাকে ঘিরে রয়েছে, এবং (ত্রয়ঃ) সংখ্যায় তিন॥ ৮॥