अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 9/ मन्त्र 22
ऋषिः - अथर्वा
देवता - शतौदना (गौः)
छन्दः - अनुष्टुप्
सूक्तम् - शतौदनागौ सूक्त
1
यत्ते॒ पुच्छं॒ ये ते॒ बाला॒ यदूधो॒ ये च॑ ते॒ स्तनाः॑। आ॒मिक्षां॑ दुह्रतां दा॒त्रे क्षी॒रं स॒र्पिरथो॒ मधु॑ ॥
स्वर सहित पद पाठयत् । ते॒ । पुच्छ॑म् । ये । ते॒ । बाला॑: । यत् । ऊध॑: । ये । च॒ । । ते॒ । स्तना॑: । अ॒मिक्षा॑म् । दु॒ह्र॒ता॒म् । दा॒त्रे । क्षी॒रम् । स॒र्पि:। अथो॒ इति॑ । मधु॑ ॥९.२२॥
स्वर रहित मन्त्र
यत्ते पुच्छं ये ते बाला यदूधो ये च ते स्तनाः। आमिक्षां दुह्रतां दात्रे क्षीरं सर्पिरथो मधु ॥
स्वर रहित पद पाठयत् । ते । पुच्छम् । ये । ते । बाला: । यत् । ऊध: । ये । च । । ते । स्तना: । अमिक्षाम् । दुह्रताम् । दात्रे । क्षीरम् । सर्पि:। अथो इति । मधु ॥९.२२॥
भाष्य भाग
हिन्दी (3)
विषय
वेदवाणी की महिमा का उपदेश।
पदार्थ
(यत्) जो (ते) तेरी (पुच्छम्) पूँछ, (ये) जो, (ते) तेरे (बालाः) बाल, (यत्) जो (ऊधः) मेड़ [दूध का छिद्रस्थान] (च) और (ये) जो (ते) तेरे (स्तनाः) स्तन [दूध के आधार] हैं, वे सब (आमिक्षाम्) आमिक्षा.... म० १३ ॥२२॥
भावार्थ
मन्त्र १३ के समान है ॥२२॥
टिप्पणी
२२−(पुच्छम्) लाङ्गूलम् (बालाः केशाः) (ऊधः) दुग्धच्छिद्रस्थानम् (स्तनाः) दुग्धाधाराः। अन्यत् स्पष्टम् ॥
विषय
वेदज्ञान व सात्विक अन्न
पदार्थ
१. (यत् ते मज्जा) = जो तेरी मज्जा [अस्थि की मींग] है, (यत् अस्थि) = जो हडी है, (यत् मांसम्) = जो मांस है (यत् च लोहितम्) = और जो रुधिर है। (यौ ते बाहू) = जो तेरी भुजाएँ हैं, (ये दोषणी) = जो भुजा के उपरले भाग हैं, (यौ अंसौ) = जो कन्धे है, (या च ते ककुत्) = और जो तेरा कुहान है। (या: ते ग्रीवा:) = जो तेरी गर्दन की हड्डियाँ हैं, (ये स्कन्धा:) = जो तेरे कन्धों की हड्डियाँ हैं, (याः पृष्टी:) = जो पीठ की हड्डियाँ हैं, (याः च पशर्व:) = और जो पसलियाँ हैं। (यौ ते उरू) = जो तेरी जाँचे हैं, (अष्ठीवन्तौ) = जो घुटने हैं, (ये श्रोणी) = जो कूल्हे हैं, (या च ते भसत) = जो तेरा पेड़ है, (यत् ते पुच्छम्) = जो तेरी पूँछ है, (ये ते बाला:) = जो तेरे बाल हैं, (यत् ऊध:) = जो तेरा दुग्धाशय है, (ये च ते स्तना:) = और जो तेरे स्तन हैं। (याः ते जंघा:) = जो तेरी जाँचे है, (याः कुष्ठिका:) = जो कुष्टिकाएँ हैं-खुट्टियाँ हैं [The mouth or openings], छिद्र हैं, (ऋच्छरा:) = खुट्टों के ऊपर के भाग [कलाइयाँ] है, (ये च ते शफा:) = और जो तेरे खुर हैं। हे (शतौदने) = शतवर्षपर्यन्त हमारे जीवनों को आनन्दसिक्त करनेवाली वेदधेनो! (यत् ते चर्म) = जो तेरा चाम है और है (अघ्न्ये) = अहन्तव्ये वेदधेनो! (यानि लोमानि) = जो तेरे लोम हैं। २. ये सब, अर्थात् सब लोक-लोकान्तरों का ज्ञान (दात्रे) = तेरे प्रति अपने को दे डालनेवाले के लिए (आमिक्षाम्) = श्रीखण्ड को, (क्षीरम्) = दूध को, (सर्पिः) = घृत को (अथो मधु) = और मधु को दहताम्-प्रपूरित करें।
भावार्थ
वेदधेनु के ज्ञानदुग्ध का पान करते हुए हम 'आमिक्षा, क्षीर, सर्पि व मधु' जैसे उत्तम पदार्थों का ही प्रयोग करनेवाले बनते हैं।
भाषार्थ
(ते) तेरी (यत् पुच्छम्) जो पूंछ है, (ते) तेरे (ये वालाः) पूंछ के वाल हैं, (यत् ऊधः) जो दुग्धाशय है, (ते) तेरे (ये च स्तनाः) जो स्तन है, वे (दात्रे) दाता के लिये आमिक्षा, क्षीर, सर्पिः, और मधु (दुह्रताम्) दोहे, प्रदान करें।
टिप्पणी
[पुच्छम्= वायुः; वालाः= पवमानः; ऊधः= स्तनयित्नुः; स्तनाः= वर्षस्य पतयः (अथर्व० ९, १२(७)।८, १४)। ये व्रह्माण्ड-गौ के अङ्ग हैं। दाता है पारमेश्वरी-माता का दर्शन कराने वाला अध्यात्म गुरु]।
इंग्लिश (4)
Subject
Shataudana Cow
Meaning
Let your tail, the hair, the udder and the dugs yield curd and cheese, milk, ghrta, and the honey sweets of life’s nourishments for the generous giver.
Translation
May your this tail, your these tail-tufts, this udder, and your these teats, yield to your donor mingled curd, milk, melted butter and honey as well.
Translation
Let the tail and all the hair of this cow, let the udder and its teats pour Amiksha and the sweet milk for the giver.
Translation
Let thy tail and all the hairs thereof, thine udder and thy teats, grant for a charitable person, curd, milk, butter and the knowledge of God.
संस्कृत (1)
सूचना
कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।
टिप्पणीः
२२−(पुच्छम्) लाङ्गूलम् (बालाः केशाः) (ऊधः) दुग्धच्छिद्रस्थानम् (स्तनाः) दुग्धाधाराः। अन्यत् स्पष्टम् ॥
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