अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 9/ मन्त्र 23
ऋषिः - अथर्वा
देवता - शतौदना (गौः)
छन्दः - अनुष्टुप्
सूक्तम् - शतौदनागौ सूक्त
1
यास्ते॒ जङ्घा॒ याः कुष्ठि॑का ऋ॒च्छरा॒ ये च॑ ते श॒फाः। आ॒मिक्षां॑ दुह्रतां दा॒त्रे क्षी॒रं स॒र्पिरथो॒ मधु॑ ॥
स्वर सहित पद पाठया: । ते॒ । जङ्घा॑: । या: । कुष्ठि॑का: । ऋ॒च्छरा॑: । ये । च॒ । ते॒ । श॒फा । अ॒मिक्षा॑म् । दु॒ह्र॒ता॒म् । दा॒त्रे । क्षी॒रम् । स॒र्पि:। अथो॒ इति॑ । मधु॑: ॥९.२३॥
स्वर रहित मन्त्र
यास्ते जङ्घा याः कुष्ठिका ऋच्छरा ये च ते शफाः। आमिक्षां दुह्रतां दात्रे क्षीरं सर्पिरथो मधु ॥
स्वर रहित पद पाठया: । ते । जङ्घा: । या: । कुष्ठिका: । ऋच्छरा: । ये । च । ते । शफा । अमिक्षाम् । दुह्रताम् । दात्रे । क्षीरम् । सर्पि:। अथो इति । मधु: ॥९.२३॥
भाष्य भाग
हिन्दी (3)
विषय
वेदवाणी की महिमा का उपदेश।
पदार्थ
(याः) जो (ते) तेरी (जङ्घाः) जङ्घाएँ, (याः) जो (कुष्ठिकाः) कुष्ठिकाएँ [नख अङ्गुली बाहिरी अङ्ग] और (ऋच्छराः) ऋच्छराएँ [खुरों के ऊपर के भाग] (च) और (ये) जो (ते) तेरे (शफाः) खुर हैं, वे सब (आमिक्षाम्) आमिक्षा.... म० १३ ॥२३॥
भावार्थ
मन्त्र १३ के समान है ॥२३॥
टिप्पणी
२३−(जङ्घाः) अ० ९।७।१०। गुल्फजान्वोरन्तराले अवयवाः (कुष्ठिकाः) अ० ९।४।१६। नखाङ्गुल्यादि-बहिर्भूता अवयवाः (ऋच्छराः) ऋच्छेररः। उ० ३।१३१। ऋच्छ गतौ-अर। खुरोपरिस्थभागाः (शफाः) खुराः। अन्यत् स्पष्टम् ॥
विषय
वेदज्ञान व सात्विक अन्न
पदार्थ
१. (यत् ते मज्जा) = जो तेरी मज्जा [अस्थि की मींग] है, (यत् अस्थि) = जो हडी है, (यत् मांसम्) = जो मांस है (यत् च लोहितम्) = और जो रुधिर है। (यौ ते बाहू) = जो तेरी भुजाएँ हैं, (ये दोषणी) = जो भुजा के उपरले भाग हैं, (यौ अंसौ) = जो कन्धे है, (या च ते ककुत्) = और जो तेरा कुहान है। (या: ते ग्रीवा:) = जो तेरी गर्दन की हड्डियाँ हैं, (ये स्कन्धा:) = जो तेरे कन्धों की हड्डियाँ हैं, (याः पृष्टी:) = जो पीठ की हड्डियाँ हैं, (याः च पशर्व:) = और जो पसलियाँ हैं। (यौ ते उरू) = जो तेरी जाँचे हैं, (अष्ठीवन्तौ) = जो घुटने हैं, (ये श्रोणी) = जो कूल्हे हैं, (या च ते भसत) = जो तेरा पेड़ है, (यत् ते पुच्छम्) = जो तेरी पूँछ है, (ये ते बाला:) = जो तेरे बाल हैं, (यत् ऊध:) = जो तेरा दुग्धाशय है, (ये च ते स्तना:) = और जो तेरे स्तन हैं। (याः ते जंघा:) = जो तेरी जाँचे है, (याः कुष्ठिका:) = जो कुष्टिकाएँ हैं-खुट्टियाँ हैं [The mouth or openings], छिद्र हैं, (ऋच्छरा:) = खुट्टों के ऊपर के भाग [कलाइयाँ] है, (ये च ते शफा:) = और जो तेरे खुर हैं। हे (शतौदने) = शतवर्षपर्यन्त हमारे जीवनों को आनन्दसिक्त करनेवाली वेदधेनो! (यत् ते चर्म) = जो तेरा चाम है और है (अघ्न्ये) = अहन्तव्ये वेदधेनो! (यानि लोमानि) = जो तेरे लोम हैं। २. ये सब, अर्थात् सब लोक-लोकान्तरों का ज्ञान (दात्रे) = तेरे प्रति अपने को दे डालनेवाले के लिए (आमिक्षाम्) = श्रीखण्ड को, (क्षीरम्) = दूध को, (सर्पिः) = घृत को (अथो मधु) = और मधु को दहताम्-प्रपूरित करें।
भावार्थ
वेदधेनु के ज्ञानदुग्ध का पान करते हुए हम 'आमिक्षा, क्षीर, सर्पि व मधु' जैसे उत्तम पदार्थों का ही प्रयोग करनेवाले बनते हैं।
भाषार्थ
(ते) तेरी (याः) जो (जङ्घाः) जङ्घाएं हैं, (याः) (कुष्ठिकाः) कुष्ठिकाएं हैं, (ऋच्छराः) जो ऋच्छराएं हैं, (ये च) और जो (ते) तेरे (शफाः) खुर हैं, वे (दात्रे) दाता के लिये (आमिक्षाम्....) आमिक्षा, क्षीर, सर्पिः,और मधु (दुह्रताम्) दोहे, प्रदान करें।
टिप्पणी
[जङ्घाः= चार टांगों की, घुटनों से नीचे की, चार अधः शाखाएं। कुष्ठिकाः= सम्भवतः चार Tibia अस्थियां, संमुख की चार अस्थियां। ऋच्छराः= सम्भवतः चार fibula अस्थियां हैं, पश्चात् जङ्घास्थियां]। ये चार गोपशु की अस्थियां हैं। तथा जङ्घाः=गन्धर्वाः। कुष्ठिकाः=अप्सरसः।शफाः=अदितिः (अथर्व० ९।१२ (७)।१०)। ये ब्रह्माण्ड-गौ की सम्बन्ध की अस्थियां या अवयव हैं जिन का कि सम्बन्ध शतौदना पारमेश्वरी माता के साथ है]।
इंग्लिश (4)
Subject
Shataudana Cow
Meaning
Whatever is your thighs, whatever your dew- claws, whatever your pasterns, whatever your hoofs, let them all yield curd and cheese, milk, ghrta, and the honey sweets of life’s nourishments for the generous giver.
Translation
May your these shanks (part of the leg from ankle to knee), these dew-claws, these pasterns (part of the leg between the feet lock joint and the hoof) and your these hoofs, yield to your donor mingled curd, milk, melted butter and honey as well. (Richarah-pasterns).
Translation
Let all the legs of it, let the refuse of its feet, let the heel-ropes and hooves pour Amiksha and the sweet milk for the giver.
Translation
Let all thy legs, the nails of thy feet, the upper parts of thy hooves and thy hooves, grant for a charitable person, curd, milk, butter and the knowledge of God.
संस्कृत (1)
सूचना
कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।
टिप्पणीः
२३−(जङ्घाः) अ० ९।७।१०। गुल्फजान्वोरन्तराले अवयवाः (कुष्ठिकाः) अ० ९।४।१६। नखाङ्गुल्यादि-बहिर्भूता अवयवाः (ऋच्छराः) ऋच्छेररः। उ० ३।१३१। ऋच्छ गतौ-अर। खुरोपरिस्थभागाः (शफाः) खुराः। अन्यत् स्पष्टम् ॥
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